आपके चहरे पर हसी देखने लिए....
तरसते मेरे होंठ,
आपके लबो कों छूने के लिए....
तरसती हे मेरी सुणी बाहें,
आपकी बाँहों के लिए....
तरसती हे मेरी सांसे,
आपकी सांसो के मिलन के लिए....
तरसते हे ये बादल,
हम दोनों कों भिगोने के लिए....
तरसती हे ये हवा,
हमारी रूह कों एक करने के लिए....
No comments:
Post a Comment